महतारी वंदन कार्यक्रम माताओं और बहनों के सम्मान और सशक्तिकरण का प्रतीक है-उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा

कवर्धा :- छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन के एक वर्ष पूर्ण होने पर पूरे प्रदेश में जनादेश परब के रूप में आयोजन किए जा रहे हैं। सुशासन का एक साल, छत्तीसगढ़ हुआ खुशहाल पर कवर्धा के वीर सावरकर भवन में भव्य महतारी वंदन माताओं, बहनों का सम्मान सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें माताओं और बहनों को सम्मानित कर उनके योगदान की सराहना की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल और सांसद श्री संतोष पांडेय ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस दौरान उन्होंने महिलाओं की भूमिका को समाज के निर्माण और प्रदेश की खुशहाली में अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। माताओं और बहनों को सम्मानित करते हुए नेताओं ने सुशासन के इस एक वर्ष को समर्पण और जनसेवा का प्रतीक बताया। इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष श्री मनहरण कौशिक, जनपद अध्यक्ष श्रीमती इंद्राणी दिनेश चंद्रवंशी, उपाध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र साहू, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री संतोष पटेल, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्री अनिल ठाकुर, श्री कैलाश चंद्रवंशी, श्री चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी, श्री मनिराम साहू, श्री नंदलाल चंद्राकर, कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा, जिला पंचायत सीईओं श्री अजय त्रिपाठी उपस्थित थे।

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि महतारी वंदन कार्यक्रम माताओं और बहनों के सम्मान और सशक्तिकरण का प्रतीक है। मातृशक्ति हमारी संस्कृति और परिवार की रीढ़ है। माताओं की वह कला, जो घर को जीवंत और संपन्न बनाती है, हमारी परंपरा और समाज का आधार है। उन्होंने माताओं-बहनों के योगदान को नमन करते हुए उन्हें सशक्त बनाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। उन्होंने 3 तलाक को समाप्त कर महिलाओं को अधिकार दिलाया और लोकसभा व विधानसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण देकर मातृशक्ति का सम्मान बढ़ाया है। मातृशक्ति समाज का आधार है और उनकी सशक्तता से ही परिवार और राष्ट्र प्रगति करता है। माताओं और बहनों के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं और माताओं-बहनों के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं चला रही है। हर ग्राम पंचायत में 30 लाख की लागत से महतारी सदन का निर्माण किया जा रहा है, जिसका कार्य प्रारंभ हो चुका है। महिलाओं को राशन कार्ड, पंजीयन और रजिस्ट्रेशन जैसे कार्यों में विशेष छूट दी जा रही है। इसके अलावा, ड्रोन दीदी योजना के माध्यम से महिलाओं को तकनीकी सशक्तिकरण से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में सरकार बनने के बाद खनिज खनन और परिवहन प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है। राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में भी पारदर्शिता लाई गई है। पूर्व में भर्ती प्रक्रिया में आई शिकायतों की जांच कर दोषियों को दंडित किया गया है। उन्होंने कवर्धा जिले में हो रहे विकास कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि यहां 350 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही, ठाकुर चौक से मेडिकल कॉलेज तक सड़क निर्माण के लिए 11 करोड़ रुपये की लागत से कार्य प्रारंभ हो चुका है।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने महतारी वंदन माताओं-बहनों के सम्मान कार्यक्रम में कहा कि “महतारी“ शब्द सुनते ही मन में ममता और स्नेह का भाव जागृत हो जाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई महतारी वंदन योजना महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना माताओं और बहनों के सम्मान और उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा, “हमारे देश में हर महिला को माता, बहन और देवी के रूप में देखा जाता है। जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवताओं का वास होता है। इतिहास गवाह है कि जिन युगों में माताओं पर अत्याचार हुआ, उन युगों में विनाश हुआ। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान किए गए वादे के अनुरूप महतारी वंदन योजना के तहत सरकार ने 70 लाख महिलाओं को प्रति माह 1 हजार रुपए प्रदान करना शुरू किया है। इस धनराशि का उपयोग महिलाएं अपने बच्चों की शिक्षा और अपने परिवार के विकास के लिए कर रही हैं। उन्होंने बताया कि महतारी वंदन योजना के तहत गांव-गांव में चंदा कर मंदिरों का निर्माण भी हो रहा है। उन्होंने भारत की महान महिलाओं जैसे रानी अहिल्याबाई, रानी लक्ष्मीबाई और रानी दुर्गावती का उदाहरण देते हुए कहा कि इन वीरांगनाओं ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। रानी पद्मावती का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने 16 हजार रानियों के साथ जौहर किया, लेकिन अपने धर्म और स्वाभिमान से समझौता नहीं किया।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश नारी शक्ति के सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। महिला आरक्षण, राशन कार्ड पर महिला मुखिया का नाम प्राथमिकता से दर्ज करना, और 33 प्रतिशत महिला आरक्षण कानून पास करना, ये सभी महिला सशक्तिकरण के ऐतिहासिक कदम हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जब सरकार सत्ता में आई, तब सबसे पहले स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया। 70 हजार मितानिनों को एक साथ प्रोत्साहन राशि दी गई। रायपुर मेकाहारा में 232 करोड़ रुपए की लागत से 700 बेड की अतिरिक्त सुविधा दी गई। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री के प्रयासों से कबीरधाम में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति मिली। पूरे प्रदेश में एक साथ 4 मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई।नए जिलों में हर जिला अस्पताल के लिए 5 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई। प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत 24 योजनाओं के साथ 57 मेडिकल मोबाइल यूनिट्स विशेष पिछड़ी जातियों और वनांचल क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचा रही हैं। सरकार ने हर परिवार का पक्का घर सुनिश्चित करने के लिए 18 लाख परिवारों को आवास की स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा, “हम हर जरूरतमंद व्यक्ति के आवास निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। मंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण और उनके योगदान से देश सशक्त और आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने प्रदेशवासियों को भरोसा दिलाया कि सरकार महिलाओं और गरीबों के कल्याण के लिए निरंतर कार्यरत रहेगी।
सांसद श्री संतोष पांडेय ने कहा कि महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के बिना किसी भी समाज या देश की प्रगति अधूरी है। जब से देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व है, तब से महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि आज देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू हैं, जो महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण हैं। वित्त मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण पद पर श्रीमती निर्मला सीतारमण कार्यरत हैं, जिनके पास देश के आर्थिक विकास की चाबी है। सांसद श्री पांडेय ने कहा कि आज नारी शक्ति प्लेन से लेकर ट्रेन तक चला रही है। हर क्षेत्र में महिलाएं अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि विष्णुदेव साय की सरकार ने नारी शक्ति को आगे बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं और नीतियां बनाई थीं, जिनसे महिलाओं को सशक्त बनने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि महिलाओं का इतिहास मानव सभ्यता के विकास का अभिन्न हिस्सा है। यह इतिहास न केवल उनके संघर्षों और उपलब्धियों का गवाह है, बल्कि समाज की सोच और उसकी प्रगति का दर्पण भी है।

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