लाल पानी का दुष्प्रभाव रोकने के बनेगी उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति

जगदलपुर। बस्तर के संभाग आयुक्त डोमन सिंह ने कहा है कि दंतेवाड़ा जिले के नेरली और धुरली जल प्रदाय योजनाओं के माध्यम से ईलाके के सभी गांवों में शुद्ध पेयजल की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करें। इस दिशा में जिन गांवों में पाईप लाईन विस्तार तथा अन्य कार्य प्रगति पर हैं, उसे जल्द पूर्ण करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
आयुक्त ने कहा कि दोनों योजनाओं से जलापूर्ति हेतु ईलाके के सभी गांवों का सेचुरेशन शीघ्र सुनिश्चित करें। राष्ट्रीय खनिज विकास निगम के बैलाडीला आयरन ओर प्रोजेक्ट के खनन क्षेत्र के ईलाके में लाल पानी के प्रभाव को रोकने हेतु स्थायी समाधान जरूरी है, इसे मद्देनजर रखते हुए उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति गठित करने के लिए प्रस्ताव राज्य शासन को प्रेषित किया जाएगा। कमिश्नर श्री सिंह सोमवार को आयुक्त कार्यालय के सभागार में नेरली एवं धुरली जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन स्थिति सहित खनन क्षेत्र के नगरीय एवं ग्रामीण इलाकों में लाल पानी के प्रभाव को रोकने सम्बन्धी कार्ययोजना की विस्तृत समीक्षा कर रहे थे। कमिश्नर ने नेरली समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत शामिल 8 गांवों में से शेष 5 गांव बेंगपाल, मदाड़ी, चोलनार, कलेपाल और समलवार में पाईपलाइन विस्तार सहित अन्य सभी कार्यों को जल्द पूर्ण करने कहा। साथ ही टेस्टिंग करने के बाद पेयजल आपूर्ति शुरू किए जाने के निर्देश दिए। वहीं धुरली समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत शामिल 17 गांवों में नियमित तौर पर जलापूर्ति सुनिश्चित करने पर बल देते हुए कहा कि वर्तमान में गंजेनार एवं मसेनार में नियमित जल प्रदाय के लिए जो कार्य प्रगतिरत हैं, उसे शीघ्र पूर्ण कर ग्रामीणों को लाभान्वित किया जाए। बैठक में अवगत कराया गया कि नेरली समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत शामिल 8 गांवों में से वर्तमान मे नेरली, बेहनार, पिनाबचेली में जलापूर्ति किया जा रहा है। वहीं धुरली समूह जल प्रदाय योजनांतर्गत शामिल 17 गांवों में से गमावाड़ा, धुरली, भांसी, पोरोकमेली, बड़े कमेली, दुगेली, खुटेपाल, श्यामगिरी, नकुलनार, कुंआकोण्डा, हल्बारास, मोखपाल, मैलावाडा, हितावर एवं गोंगपाल में नियमित रूप से जलप्रदाय किया जा रहा है। इन दोनों योजनाओं में शामिल शेष ग्रामों में प्रगतिरत कार्यो को जल्द पूर्ण करने के पश्चात इन गांवों में जलापूर्ति की जाएगी।

लाल पानी के प्रभाव पर मंथन
कमिश्नर ने दंतेवाड़ा जिले के अंतर्गत एनएमडीसी के बैलाडीला आयरन ओर प्रोजेक्ट के अधिकारियों को खनन क्षेत्र के ईलाके में लाल पानी के प्रभाव को रोकने के लिए स्थायी समाधान सुनिश्चित करने निर्देशित करते हुए कहा कि यह हम सब की जिम्मेदारी है। वहां के वाशिंदों को इस समस्या से पूरी तरह निजात दिलाएं। विशेषकर ग्रामीणों एवं किसानों को जो प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हैं उनकी उर्वर खेती की भूमि का जतन सर्वाधिक जरूरी है। इसके साथ ही शुद्ध पेयजल की उपलब्धता और पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर लाल पानी के प्रभाव को रोकने के लिए समुचित और स्थायी समाधान आवश्यक है और इस हेतु राज्य स्तर से पहल किए जाने की स्थिति को देखते हुए उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति गठित करने के लिए प्रस्ताव राज्य शासन को प्रेषित किया जाएगा। उक्त विशेषज्ञ समिति में तकनीकी विशेषज्ञों को भी शामिल करने का अनुरोध किया गया है। इस विशेषज्ञ समिति के प्रतिवेदन के अनुरूप सभी समन्वित कार्यवाही एवं पहल की जाएगी। उन्होंने इस दिशा में अभी चल रहे सभी कार्यों का विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। बैठक में डिप्टी कमिश्नर बीएस सिदार, मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी बस्तर परिक्षेत्र हेमराज मर्सकोले सहित पीएचई परियोजना खण्ड जगदलपुर तथा पीएचई दंतेवाड़ा के अधिकारी और राष्ट्रीय खनिज विकास निगम बचेली एवं किरंदुल परियोजना के अधिकारी मौजूद थे।

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