आखिर ईडी के लपेटे में आ ही गए पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा; पिता-पुत्र के ठिकानों पर दबिश
–अर्जुन झा-
जगदलपुर। बस्तर संभाग में फिर एक केंद्रीय जांच एजेंसी ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा आख़िरकार ईडी के लपेटे में आ ही गए हैं। बस्तर संभाग के सुकमा जिला मुख्यालय पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत तीन बड़े कांग्रेस नेताओं के ठिकानों पर ईडी की छापेमार कार्रवाई चल रही है।
इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) की एक बड़ी टीम आज शनिवार को अल सुबह लाव लश्कर के साथ सुकमा जिला मुख्यालय पहुंची। ईडी की टीम तीन अलग अलग ग्रुपों में बंटकर सीधे पूरे आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा, उनके जिला पंचायत अध्यक्ष पुत्र हरीश कवासी और सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू के घरों में जा धमकी। सुरक्षा के लिहाज से तीनों जगहों पर बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए हैं। छापेमारी की कार्रवाई लगातार जारी है। कवासी लखमा के नागारास तथा रायपुर स्थित निवास स्थानों के साथ ही सुकमा स्थित उनके बेटे हरीश कवासी के निवासी और नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के निवास पर छापेमारी जारी है। इस कार्रवाई को लेकर सुकमा से लेकर रायपुर तक कांग्रेसी खेमे में खलबली मची हुई है और तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के नागारास गांव के आवास, सुकमा में उनके पुत्र के आवास और नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के आवास सहित रायपुर के आवास पर ईडी के छापे पड़े हैं। चर्चा है कि कवासी लखमा के व्यापारिक तार आंध्रप्रदेश व तेलंगाना के शराब घोटाले से जुड़े होने तथा छत्तीसगढ़ में हुए 2 हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले को लेकर हो यह कार्रवाई की जा रही है।इसके साथ ही विधानसभा सत्र में सुकमा लोक निर्माण विभाग से जुड़े कई मामलों पर कवासी लखमा की सरकार से तकरार भी हुई है। उनके जिला पंचायत अध्यक्ष बेटे हरीश कवासी पिछले लोकसभा चुनाव में बस्तर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी भी रहे हैं। कवासी लखमा की जिद के कारण कांग्रेस हाई कमान ने लोकप्रिय और जिताऊ नेता दीपक बैज का टिकट काटकर हरीश कवासी को मैदान पर उतार दिया था। नतीजा यह रहा कि भाजपा ने नए नवेले चेहरे को उतारने के बाद भी यह सीट आसानी से जीत ली।पैसे वाले कांग्रेस उम्मीदवार को भाजपा के एक गरीब लेकिन मिलनसार नेता महेश कश्यप ने पटखनी दे दी। नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू भी कवासी लखमा के बेहद करीबी माने जाते हैं। कवासी लखमा पर ईडी का शिकंजा कसने के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि छत्तीसगढ़ के कुछ और बड़े नेता ईडी के लपेटे में आ सकते हैं। उल्लेखनीय है कि बस्तर संभाग में केंद्रीय जांच एजेंसियां लगातार सक्रिय हैं। कुछ दिनों पहले ही एनआईए ने भी संभाग के बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों में कुछ गिरफ्तारियां की हैं। ये गिरफ्तारियां नक्सलियों से संबंधित हैं।