कान्वेंट स्कूलों को विद्या की देवी सरस्वती से परहेज

जगदलपुर। शहर के कान्वेंट स्कूलों में इस वर्ष भी विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना नहीं की गई। शिक्षा विभाग ने भी इस बार भी कोई रूचि नहीं दिखाई। जबकि पिछले वर्ष सरकार जब सत्ता में आई थी तो सभी स्कूलों में सरस्वती पूजा कराने का फरमान जारी किया गया था। तब भी कान्वेंट के स्कूलों में इस आदेश का पालन नहीं किया गया। उस समय शिक्षा विभाग द्वारा नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था, लेकिन विभाग नोटिस जारी कर जवाब लेना भूल गया।
इसका हश्र यह हुआ कि कान्वेंट स्कूलों ने इस साल भी सरस्वती पूजन नहीं किया। इस साल शासन ने भी सरस्वती पूजन को लेकर इस साल कोई रूचि नहीं दिखाई। पांच वर्षों तक सत्ता से बाहर रहने के बाद भाजपा की जब सत्ता में वापसी हुई थी तो हिन्दुत्व को बढ़ावा देने कई फरमान जारी किए गए थे। जिसमें पिछले वर्ष 2024 में शिक्षा मंत्रालय द्वारा सभी स्कूलों को सरस्वती पूजा आयोजित करने का फरमान जारी किया गया था। जिसका अधिकांश स्कूलों में पालन करते हुए उत्सव के रूप में मनाया गया था। इस वर्ष शिक्षा मंत्रालय भी फरमान जारी करना भूल गया। आलम यह है कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी जिले के अधिकांश कान्वेंट स्कूलों में सरस्वती पूजा के अवसर पर किसी प्रकार आयोजन नहीं हुआ। यह आलम शहर के स्कूल ही नहीं संभाग भर के कान्वेंट स्कूलों में विद्या की देवी की आराधना नहीं हुई। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कान्वेंट के स्कूलों में शासन के आदेशों का कितना पालन होता है। शिक्षा विभाग भी शासन के आदेशों को कान्वेंट स्कूलों में पालन कराने में नाकाम साबित हुआ है।

नोटिस औपचारिकता
सरस्वती पूजा के अवसर पर कार्यक्रम आयोजन न करने पर सभी कान्वेंट स्कूलों को जेडी के आदेशानुसार शिक्षा विभाग द्वारा नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था, लेकिन शिक्षा विभाग एक वर्ष बीत जाने के बाद भी उन कान्वेंट स्कूलों से जवाब नहीं ले पाया है। इस मामले में शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने भी चुप्पी साध रखी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *