रिकॉर्ड में शत प्रतिशत काम, जमीन पर जीरो, और हो गया भुगतान



जल प्रदाय योजना का काम कराए बिना करोड़ों के कर दिए वारे न्यारे

सुकमा/ जगदलपुर (अर्जुन झा) :- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सुकमा कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों ने गजब कारनामा कर दिखाया है। विभागीय दस्तावेजों में पेयजल व्यवस्था से जुड़े जिन कार्यों को शत प्रतिशत पूर्ण बताते हुए करोड़ों रुपयों का भुगतान दर्शाया गया है, उन कार्यों का धरातल पर अता पता ही नहीं है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सुकमा के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ शासन के उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा के निर्वाचन क्षेत्र में इस काली करतूत को अंजाम दिया है।
केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन और राज्य सरकार की नल जल योजना के तहत कोंटा विकासखंड के गांवों में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था के लिए करोड़ों रुपयों की स्वीकृति लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सुकमा को मिली थी। इस राशि से कोंटा विकासखंड की ग्राम पंचायत एलमागुंडा के ग्राम नयापारा, ग्राम पंचायत गंगालेर के ग्राम रेडलापल्ली, ग्राम पंचायत गोलापल्ली के ग्राम गोलापल्ली, ग्राम पंचायत गोरगुंडा के ग्राम नेलवाड़ा, ग्राम पंचायत इंजाराम के ग्राम असिरगुड़ा, ग्राम पंचायत करीगुंडम के ग्राम निमलगुड़ा, ग्राम पंचायत किस्टाराम के ग्राम इंटमपाड़, ग्राम पंचायत मनीकोंटा के ग्राम पेड़ाकुरटी, ग्राम पंचायत नागलगुंडा के ग्राम नागलगुंडा, ग्राम पंचायत सिंगराम के ग्राम जबेली, ग्राम पंचायत सिंगराम के ग्राम कोराजगुड़ा और ग्राम पंचायत सिंगराम के ही ग्राम रासाटोंग में पेयजल आपूर्ति के लिए नलकूप लगाने, सोलर पंप की स्थापना करने, ओवरहेड टंकी बनवाने और पाईप लाईन बिछवाने का काम करने के लिए करोड़ों रुपए मंजूर हुए थे। योजना के तहत घर घर नल कनेक्शन देकर ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना था। इन गांवों में जल जीवन मिशन और नल जल योजना का काम रत्तीभर भी नहीं कराया गया है। जबकि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सुकमा के सहायक यंत्री और उप यंत्रियों ने विभागीय दस्तावेजों में में शत प्रतिशत कार्य पूर्ण हो जाने का उल्लेख करते हुए तथाकथित ठेकेदार को करोड़ों रुपयों के भुगतान का उल्लेख किया है। इन गांवों के ग्रामीणों ने दावा किया है कि पीएचई के अधिकारियों ने उनके गांवों में आज तक कोई कार्य करवाया ही नहीं है। ग्रामीण आज भी शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं।
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युवक नग्न नहीं हुए, भ्रष्ट तंत्र को नंगा किया
आदिवासी क्षेत्रों में सरकारी तंत्र किस कदर भ्रष्टाचार करता है, इसका यह ज्वलंत उदाहरण है। अधिकारियों के ऐसे करनामों के कारण ही आदिवासियों का धैर्य टूटता जा रहा है। 18 जुलाई को राजधानी रायपुर में अनुसूचित जाति जनजाति के युवकों द्वारा किया गया नग्न प्रदर्शन इसी टूटते धैर्य का दुष्परिणाम था। दरअसल इन युवकों को अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोगों के हक पर डाका डालने वाले भ्रष्ट तंत्र के नंगे नाच का पर्दाफाश करने के लिए इस तरह का शर्मनाक प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ा। यह चुनौती और चेतावनी कांग्रेस पार्टी, राज्य की कांग्रेस सरकार, छत्तीसगढ़ भाजपा नेतृत्व और केंद्र सरकार के लिए है।
राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर कार्यवाही कर उन्हें जेल भेज दिया है, लेकिन यह स्थिति निर्मित क्यों हुई है इस पर दोनों पार्टियों, दोनों सरकारों तथा बड़े अफसरों को चिंतन मंथन करने की जरूरत है। भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच जितना विचाराधीन रखेंगे, अब लोग उसको बर्दाश्त नहीं करेंगे। समय आ गया है की त्वरित निर्णय लिया जाए। नहीं तो यह अभी प्रदर्शन राजधानी रायपुर में हुआ है यह प्रदेश के सभी जिला और ब्लॉक मुख्यालय घेरते समय नहीं लगेगा।

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