जल-जंगल ने दिखाई राह, टूरिस्ट गाइड बनकर तीन महीन में 23 हजार की कमाई,

तीन सौ से ज्यादा सैलानी पहुंचे नीलम सरई, रंग लाई बीजापुर के तत्कालीन कलेक्टर रितेश अग्रवाल की पहल

बीजापुर(रंजन दास) :- उसूर की जिन पहाड़ियों और झरनों में घुमते-फिरते, मवेशी चराते, तेंदू, चार तोड़कर खाते, उन्हीं पहाड़ियों, जंगल, झरनों को रोजगार के विकल्प के रूप अपना कर मिसाल पेश की है उसूर सोढ़ी पारा के कुछ युवाओं ने। करीब दो साल पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुई नीलम सरई जलप्रपात की तस्वीरें और वीडियो ने जिस तेजी से प्रकृति प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींचा, लोग बेझिझक इस खूबसूरत जलप्रपात के दीदार को पहुंचने लगे और यही से शुरू हुआ मनवा बीजापुर के तहत् बतौर टूरिस्ट गाईड के रूप में रोजगार के इस विकल्प से जुड़ने का सिलसिला।
उसूर पहुंचने पर सोढ़ी पारा के समीप नीलम सरई पर्यटन समिति के नाम से एक नाका लगा हुआ है। जहां नीलम सरई जलप्रपात जाने वालों के नाम पते दर्ज होने के साथ गाइड के रूप में स्थानीय युवा सैलानियों को जलप्रपात का सुरक्षित भ्रमण कराकर लौटते हैं।
व्यवस्थित तरीके से यह सिलसिला बीते तीन महीनों से चला आ रहा है और इन तीन महीनों में साढ़े तीन सौ से ज्यादा सैलानियों ने नीलम सरई की सैर की।
टूरिस्ट गाइड यश, नागेश की मानें तो स्थानीय के अलावा प्रदेश और देश के अलग-अलग हिस्सों से पर्यटक यहां पहुंच चुके हैं। इनमें चार पर्यटकों ने होम स्टे का लुत्फ भी उठाया।
समिति की तरफ से आगुंतकों के लिए गाइड और फूड चार्जेस भी निर्धारित है। फलस्वरूप तीन महीनों में समिति ने 23000 की आय पर्यटन से अर्जित की है।
इतना ही नहीं पर्यटन फलस्वरूप उसूर गांव की कुछ डेली निड्स की दुकानों में खाद्य सामग्री की बिक्री भी बढ़ी हैं। दुकानदार भी इस बात को स्वीकारते हैं।
तत्कालीन कलेक्टर रीतेश अग्रवाल ने नीलम सरई को पर्यटन पटल पर उभारने के साथ स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के विकल्प के रूप में इस ओर खास ध्यान दिया था। परिणामस्वरूप नीलम सरई आज यूटूब से लेकर तमाम सोषल साइटस पर छाया हुआ हे तो वही स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार का अवसर भी मिला है। हालांकि स्थल को पूर्णरूपेण विकसित किया जाना शेष है। जिस पर प्रशासन को आगे ध्यान देने की जरूरत है।

सुझाव पर बनेगी कार्ययोजना

स्थानीय विधायक एवं बविप्रा उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी का कहना है कि बीजापुर में पर्यटन के विकास को लेकर कार्ययोजना बनाई जा रही है। लोगों से सुझाव लिए जा रहे हैं। कुछ पर्यटन स्थलों का विकास भी किया जा चुका है। जो प्राथमिकता में हैं व्यवस्थित कार्ययोजना के तहत् स्थलों का विकास कराया जाएगा।

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