पण्डुम यहां निवासरत सभी जाति समुदाय के आपसी समन्वय और भागीदारी से संपन्न होता है- जग्गूराम तेलामी

बीजापुर। जिले में जारी बस्तर पण्डुम निश्चित ही आदिवासी परंपरा और संस्कृति को सम्मान देता नजर आ रहा है किंतु इसके आयोजन में गैर जानकर निर्णायक बनाए जाने से जनजातीय गौरव और आदिवासी परंपरा संस्कृति का मजाक बनाया जा रहा है।

सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष जग्गूराम तेलामी ने कहा कि बीजापुर जिले के भैरमगढ़ ब्लाक में 17 मार्च से पण्डूम आयोजित है पर प्रतिभागियों को दिन का भोजन और पेयजल भी नहीं मिला। इसी प्रकार बीजापुर ब्लाक के लिए विभिन्न विधाओं के लिए बनाए गए निर्णायक पुजारी, मुखिया, मांझी एक समुदाय से हैं जिन्हें विभिन्न समुदाय मुरिया, दोरला, हल्बा, परधान, तेलंगा, सुंडी, महारा सहित अन्य समुदाय के विविध नृत्य, गीतों, वाद्य यंत्रों, पेय पदार्थों की बारीकियों का ज्ञान संदेहास्पद है। बस्तर संभाग में पण्डुम यहां निवासरत सभी जाति समुदाय के आपसी समन्वय और भागीदारी से संपन्न होता है। बस्तर पण्डुम के आयोजन के दौरान प्रतिभागियों के लिए भोजन पेयजल व्यवस्था सहित निर्णायक समिति में मुरिया, दोरला, हल्बा परधान, सुंडी, महारा सहित अन्य समुदाय की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए।
बस्तर पण्डुम की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने और सभी समुदाय की भागीदारी बढ़ाने की मांग को लेकर मंगलवार को सर्व आदिवासी समाज प्रमुखों द्वारा आदिवासी विकास परियोजना प्रशासक के नाम उपायुक्त आनंद जी सिंह को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान सर्व आदिवासी समाज के सचिव कमलेश पैंकरा, बलराम हपका, राजेश लेकम, बुधराम लेकम, लच्छू उरसा, सोमलु कुरसम, सरिता अवलम, लखमू आरकी, सुरेश कोरसा बलिराम माड़वी सहित अन्य प्रतिनिधि मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *