सभी स्तरों पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना अनिवार्य है
प्राथमिक शाला से लेकर उच्चतर माध्यमिक शालाओं के बच्चों को विभिन्न प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल कराने के लिए प्रयास करें- कलेक्टर
बीजापुर :- कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा ने शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए काफी गंभीर है। गुणवत्ता में कमी के कारण और समस्याओं को समझने और शिक्षकों में उत्साह का वातावरण बनाने के लिए लगातार समीक्षा कर रहे है और शिक्षकों को प्रेरित कर नई ऊर्जा के साथ नए सत्र की शुरूआत करने के लिए मार्गदर्शन दे रहे है।
इसी क्रम में चारों विकास खंडों में आयोजित समीक्षा बैठक में कलेक्टर स्वयं उपस्थित होकर शिक्षकों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। 28 जून को उसूर एवं भोपालपटनम ब्लाक के शिक्षकों से चर्चा किए और 30 जून को बीजापुर और भैरमगढ़ के शिक्षकों के साथ समीक्षा कर अनुभव साझा किया। कलेक्टर कटारा ने कहा कि जिले में शिक्षा व्यवस्था और गुणवत्ता में सुधार लाना बहुत आवश्यक है। जिसके लिए हम सब मिलकर पूरे जोश और जूनून के साथ नए शिक्षा सत्र का शुभारंभ करेंगे। सुनियोजित तरीके से किसी भी लक्ष्य को पाना बड़ी बात नही है। बशर्ते पूरी ईमानदारी और मेहनत से कार्य किया जाए। आज नक्सलगढ़ और सुदूर क्षेत्रों के बच्चे भी विपरीत परिस्थितियों में शिक्षा के क्षेत्र में अपना परचम लहरा रहे है।
इसी तरह जिले के सभी शिक्षक चाहे वह प्राथमिक शाला का हो या उच्च कक्षाओं का सभी स्तर में विभिन्न प्रवेश परीक्षाएं होती है। जिसमें जिले के बच्चों कों अपनी मेहनत और लगन से कामयाब बनाना हैं चाहे वह नवोदय स्कूल, एकलव्य स्कूल, कन्या शिक्षा परिसर, सैनिक स्कूल सहित नीट, जेईई जैसे प्रवेश परीक्षा हो उसमें बच्चों की तैयारी करवाकर उनके भविष्य को सुधारना हमारी जिम्मेदारी है। 12वीं कक्षा के उर्त्तीण होने के बाद भी उन्हे आईटीआई, प्रतियोगी परीक्षा, उच्चशिक्षा के लिए प्रेरित करें ताकि वह स्कूल से निकल कर अपने भविष्य के लिए सशक्त हो सके। 15 जुलाई तक सभी शिक्षक घर-घर जाकर स्कूल से छुटे बच्चे, नवप्रवेशी सर्वेक्षित बच्चों एवं उनके पालकों से मिलकर शतप्रतिशत दाखिला कराएं वहीं। शाला त्यागी बच्चों को अभियान के रूप में स्कूल से जोड़े उनके पालकों को प्रेरित करें। समझाईस दे कि शिक्षा सभी के लिए क्यों जरूरी है। शिक्षा, स्वस्थ और सभ्य समाज के निर्माण हेतु आवश्यक है। बीजापुर जैसे सुदूर और संवेदनशील जिला को शिक्षा के अलख जगाकर यहां की बहुत सारी समस्याओं का स्वतः समाधान हो सकता है। स्कूल परिसर को रोचक और आकर्षक बनाएं शाला प्रबंधन समिति को मिले राशि से स्कूल की व्यवस्थाओं को सुधारे और सामुदायिक सहभागिता, शाला प्रबंधन समिति, पालकों के सहयोग से प्राप्त संसाधनो का बेहतर प्रबंधन करते हुए स्कूल व्यवस्थाओं में सकारात्मक सुधार लाए, शिक्षण सहायक सामग्री का निर्माण करें। बच्चों के अधिगम स्तर को बढ़ाएं स्कूल परिसर को हमेशा साफ-सुथरा आकर्षक बनाए रखें। मध्यान्ह भोजन के गुणवत्ता पर निगरानी रखे थोडी़ सी चूक भी भारी पड़ सकता है। बच्चों के स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं उनके भविष्य के प्रति सजग रहना जरूरी है। बीजापुर आदिवासी बाहुल्य जिला है। सुदूर और संवेदनशील क्षेत्रों के ग्रामीण भोले लोग हैं उनके बच्चों को हम अच्छी शिक्षा दे पाएं तो हमारे लिए इससे बड़ा कोई कार्य नहीं है। 3 जुलाई तक शाला प्रबंधन समिति का पुर्नगठन कर बैठक आयोजित करते हुए स्थानीय स्तर पर पालक और जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए पहल करें। जिला स्तर पर शिक्षकों की कमी को दूर करने का वैकल्पिक प्रयास किया जाएगा। जहां दर्ज संख्या अधिक है और विषय शिक्षकों की नियुक्ति भी की जाएगी ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके।
कलेक्टर कटारा ने स्वयं का उदाहरण देते हुए बताया कि वह स्वयं एकल शिक्षकीय स्कूल से प्राथमिक कक्षाएं पूरा किए थे और मिडील स्कूल में भी शिक्षक की कमी थी उच्चतर माध्यमिक स्तर की पढ़ाई के दौरान ही पर्याप्त शिक्षक मिले फिर भी अभाव के बावजूद वह इस मुकाम पर पहुंचे है और तीन वर्षो तक स्वयं शिक्षक के रूप में कार्य किए है। प्रत्येक बच्चों में प्रतिभा छुपी होती है, हर बच्चा प्रतिभावान होता है, उनकी प्रतिभा को समझना है और छुपी हुई प्रतिभा को निखारना है केवल शिक्षक के हाथ मे है। आज भी समाज में शिक्षक बहुत सम्मानित व्यक्ति होता है और इस सम्मान को हमेशा बनाएं रखना है स्कूल परिसर में कभी भी ऐसा कोई गलत कार्य न करें जिसका अनुकरण विद्यार्थी करने लगे। क्योकि विद्यार्थी के लिए शिक्षक एक आदर्श होता है स्कूल शिक्षा का मंदिर है। उसकी गरिमा को हमेशा बनाएं रखें। तभी हम अपने उद्देश्यों में सफल हो सकेंगे और गुणवत्ता युक्त बेहतर शिक्षा भावी पीढ़ी को देकर स्वस्थ और सभ्य समाज का निर्माण कर सकेंगे। कलेक्टर कटारा ने सभी शिक्षकों को बेहतर कार्य करने नए शिक्षा सत्र की शुभारंभ पर शुभकामनाएं देते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी बलीराम बघेल, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास केएस मशराम सहित विकास शिक्षा अधिकारी बीजापुर एवं भैरमगढ़ सहायक परियोजना अधिकारी, बीआरसी, संकुल समन्यक, मंडल संयोजक सहित प्रधान पाठक, शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं छात्रावास तथा आश्रम अधीक्षकगण उपस्थित थे।