मॉडल गोठान को सरपंच, सचिव ने बनाया करप्शन का रोल मॉडल



पशुओं के लिए न शेड बनाया, न पानी टंकी, कर ली पूरी रकम

बकावंड (अर्जुन झा) :- जनपद पंचायत मुख्यालय बकावंड में ब्लॉक के ग्राम पंचायत फरसीगाव के गोठान निर्माण में भारी अनियमितता बरती जा रही है। गोधन न्याय योजना की आड़ में अपनी जेबें भरकर सरपंच और पंचायत सचिव गोवंश के साथ अन्याय करने पर आमादा हैं। मॉडल गोठान के रूप में विकसित किया जा रहा यह गोठान भ्रष्टाचार का मॉडल बनकर रह गया है।

ग्राम पंचायत मुख्यालय फरसीगांव के गोठान निर्माण के लिए 9 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। शासन की मंशा यहां एक आदर्श गोठान बनाने की रही है, मगर सरपंच और सचिव इस निर्माण कार्य में जमकर गड़बड़ी कर रहे हैं। निर्माण में देखा जाए तो गाय बैलों के लिए पैरा व चारे की व्यवस्था नहीं है। मवेशियों को धूप और बारिश से सुरक्षित रखने के लिए शेड या झोपड़ी का भी निर्माण नहीं कराया गया है। पशुओं के लिए पानी की भी व्यवस्था नहीं है। पंचायत सचिव ओंकार गागड़ा और सरपंच ने टंकी बनाने में बहुत ही कम सीमेंट का उपयोग किया है। वहीं शेड भी बड़े हल्के स्तर के और आकार में बहुत ही छोटे बनाए गए हैं। शेड की छत पर टीन भी नहीं लगाई गई है। शेड में इस्तेमाल किए गए लोहे के पिलर और एंगल भी निहायत ही घटिया हैं। वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए टंकी स्तरहीन बनाई गई है। निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। घटिया सामग्री का उपयोग कर सरपंच और सचिव रकम डकार गए हैं। कहने को तो यह आदर्श गोठान है, मगर यह अन्य पंचायतों के लिए रोल मॉडल बन सके ऐसा किसी भी एंगल से नजर नहीं आता। बल्कि यह गोठान भ्रष्टाचार का मॉडल जरूर बन गया है। ग्राम पंचायत के दस्तावेजों में गोठान के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जाने का उल्लेख हुआ है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। आज तक गोठान का काम पूरा नहीं हो सका है। आधे अधूरे गोठान को आदर्श नाम दिया जा रहा है।

अधिकारियों के निर्देश की अवहेलना
कुछ माह पहले अधिकारी यहां का गोठान का निरीक्षण करने आए थे। तब उन्होंने निर्माण में गुणवत्ता युक्त सामग्री का उपयोग करते हुए कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश सरपंच को दिए थे। उसके बाद फिर कभी जनपद पंचायत से इंजीनियर या कोई अधिकारी निर्माण कार्य का जायजा लेने व सुपरविजन के लिए नहीं पहुंचा। इसका नतीजा यह हुआ कि सरपंच और सचिव ने गोठान निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग कर शासन को चूना लगाने का खेल जारी रखा। वहीं गोठान निर्माण में नाबालिग लडके लड़कियों से कार्य कराकर श्रम कानून की धज्जियां भी उड़ाई जा रही हैं। इस संबंध में सरपंच सचिव से जानकारी लेने पर उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। इस तथाकथित मॉडल गोठान में अब तक भी गोबर की खरीदी भी शुरू नहीं हुई है।

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