स्वास्थ्य अधिकारियों की मांगों पर बनी सहमति, आंदोलन स्थगित



जगदलपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बस्तर जिलाध्यक्ष एवं उप प्रांताध्यक्ष अजय प्रताप सिंह परिहार ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रदेश के सामूदायिक स्वास्थ्य अधिकारी प्रकोष्ठ की तीन सूत्रीय मांगों के संबंध में चर्चा हेतु मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के समक्ष बुलाया गया था। संघ के प्रतिनिधियों ने चर्चा में शामिल होकर तीन बिंदु वाली मांगों पर सार्थक एवं विस्तृत चर्चा की।


चर्चा उपरांत संगठन द्वारा विगत 4 दिवस से जारी आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है। सीएचओ संगठन के प्रांतीय संयोजक प्रफुल्ल कुमार ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की जायज मांगों को लेकर आंदोलन को सफल बनाने हेतु परोक्ष या अपरोक्ष रूप से समर्थन देने वाले समस्त संगठन, मीडिया के साथी, पुलिस प्रशासन, एवं अन्य का धन्यवाद ज्ञापित किया है। उन्होंने कहा है कि सीएचओ की मांगों को अधिकारियों के समक्ष प्राथमिकता के साथ प्रस्तुत किया गया है। परिणाम स्वरूप शासन आज हमारी जायज मांगो को लेकर सकारात्मक चर्चा के लिए 24 जून को अनिश्चित कालीन हड़ताल के विषय में स्वास्थ्य भवन मे बैठक हुई। बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक, संयुक्त संचालक, प्रभारी एचआर वित्त, उप संचालक, राज्य नोडल एएएम एवं संगठन की तरफ से प्रांताध्यक्ष आलोक मिश्रा, कार्यकारी प्रांत अध्यक्ष रविंद्र तिवारी, प्रांतीय संयोजक प्रफुल्ल पाल एवं राज्य कार्यकारिणी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी प्रकोष्ठ उपस्थित रहे।

अफसरों के समक्ष मांगें
अजय प्रताप सिंह परिहार ने बताया कि बैठक के दौरान अधिकारियों के समक्ष निम्न मांगों को प्रमुखता से उठाया गया। कार्य आधारित मानदेय समस्त जिलों में स्थानांतरित कर दिया गया है। समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का माह 2024 तक पूर्ण भुगतान किया जाएगा एवं भविष्य में कार्य आधारित मानदेय सीधा राज्य कार्यलय से डायरेक्ट बेनिफिसिरी ट्रांसफर के माध्यम से एक निश्चित समय सीमा पर किया जाएगा। एवं इसकी निगरानी हेतु राज्य स्तर पर कमेटी बनाई जाएगी जिसमें पारदर्शिता हेतु एक सामुदायिक स्वाथ्य अधिकारी को भी सम्मिलित किया जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए स्थानांतरण पालिसी हेतु टीम गठन करने, एवं अन्य जिलों में पदस्थ सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की सूची मांगी गई है। जिससे उन्हें उनके गृह जिलों में स्थानांतरण हेतु समिति द्वारा निर्णय लिया जा सके। मुख्यालय निवास में हेतु दुरस्थ ग्रामीण अंचल पर कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को विशेष छूट देने हेतु एवं मुख्यालय निवास पालिसी का अध्यन करके यथा संभव निर्णय हेतु सकारात्मक चर्चा हुई। किसी भी पर मुख्यालय में रहने हेतु दबाव नहीं बनाए जाने पर सहमति बनी। जिला संयोजक पवन वर्मा की सेवा में बहाली के संबंध में यह कहा गया है कि पवन वर्मा द्वारा कोर्ट में प्रकरण लंबित होने के कारण अभी आदेश निकालना संभव नहीं है, पर उच्च न्यायालय का निर्णय आते ही बहाली के साथ साथ त्वरित कार्यवाही करते हुए जिम्मेदारों के ऊपर दंडनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। इसी के साथ कई अन्य मांगों पर समय सीमा में निराकरण करने के आश्वासन के साथ आंदोलन को स्थगित किया गया है।

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