धर्मनगरी कबीरधाम में शंकराचार्य जी का भव्य स्वागत, हिंदू राष्ट्र प्रणेता के दर्शन हेतु उमड़ा जनसैलाब

कवर्धा,,कबीरधाम, छत्तीसगढ़ – सनातन धर्म और वैदिक परंपराओं के महान संरक्षक, पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी का 10 वर्षों के उपरांत धर्मनगरी कबीरधाम आगमन हुआ। उनके आगमन से समूचा नगर भक्तिमय वातावरण में डूब गया, और उनके स्वागत हेतु जनसैलाब उमड़ पड़ा।

सनातन परंपरा के संवाहक का भव्य स्वागत

हिंदू राष्ट्र प्रणेता के रूप में पूज्य शंकराचार्य जी के आगमन पर आनंद वाहिनी एवं आदित्य वाहिनी के नेतृत्व में नगर के बाईपास रोड से एक विशाल शोभायात्रा एवं स्वागत रैली निकाली गई। इस भव्य शोभायात्रा में भगवा ध्वज, वैदिक मंत्रोच्चार, ढोल-नगाड़े, रथयात्रा, एवं शंखनाद की गूंज ने पूरे नगर को आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत कर दिया।

श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर, आरती उतारकर, और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शंकराचार्य जी का अभिनंदन किया। नगर में विभिन्न स्थानों पर तोरणद्वार, पुष्प सजावट एवं रंगोली के माध्यम से उत्सव का वातावरण बना रहा।

धर्मनगरी कबीरधाम में शंकराचार्य जी का भव्य स्वागत, हिंदू राष्ट्र प्रणेता के दर्शन हेतु उमड़ा जनसैलाब

शंकराचार्य जी के आगमन पर नगरवासियों में भारी उत्साह है। स्थानीय मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, दीप प्रज्ज्वलन, हवन-यज्ञ एवं भजन-कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है। नगर के प्रमुख साधु-संत, धर्मगुरु, एवं सामाजिक संगठनों ने भी उनका अभिनंदन किया।

सनातन चेतना का जागरण

शंकराचार्य जी का आगमन केवल एक आध्यात्मिक घटना नहीं, बल्कि हिंदू जागरण का भी प्रतीक है। उनका संदेश हमें धर्म, संस्कृति, राष्ट्र एवं आत्मोत्थान के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

कबीरधाम की पावन धरा आज उनके सान्निध्य से धन्य हुई, और इस आध्यात्मिक यात्रा ने सनातन धर्मावलंबियों में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया है।

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