
जनजातीय छात्र संसद दिल्ली में यंगस्टर्स ने पहुंचाई बस्तर की आवाज
जगदलपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद केंद्रीय नेतृत्व द्वारा एक दिवसीय जनजातीय छात्र संसद का आयोजन दिल्ली में किया गया। इसमें अभाविप राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य एवं बस्तर विभाग संयोजक शैलेश ध्रुव, बस्तर जिला संयोजक गौरव भवानी एवं प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कमला मौर्य समेत बस्तर के अन्य विद्यार्थी भी शामिल हुए।
अभाविप के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं बस्तर विभाग संयोजक शैलेष ध्रुव ने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद केंद्रीय नेतृत्व द्वारा 1 दिवसीय जनजातीय छात्र संसद का आयोजन 9 मार्च को दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में किया गया था। इस ऐतिहासिक आयोजन में देशभर के छात्र प्रतिनिधि, शिक्षाविद, नीति-निर्माता और समाजसेवी एक मंच पर इकट्ठा हुए। जहां वह शिक्षा, नेतृत्व, सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। इस छात्र संसद का उद्देश्य छात्रों को सामाजिक समस्याओं के समाधान में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना और उन्हें राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका का अहसास दिलाना था। छात्र युवा संसद में देशभर से वनवासी क्षेत्रों के छात्र छात्राओं ने भाग लिया। यह संसद मुख्य रूप से जनजातीय समाज की शिक्षा, उनके अधिकारों की रक्षा, रोजगार के अवसरों और उनकी सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति पर चर्चा की गई। जनजातीय छात्र संसद में 124 से अधिक जनजातियों के छात्र शामिल हुए। जिनमें धुरवा, बैगा, शहरिया, मारिया और मोडिया, मुरिया जैसी अति पिछड़ी जनजातियों के छात्र भी अपनी समस्याओं और आवश्यकताओं पर विचार मंथन किया गया। केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य राज्यमंत्री दुर्गादास उइके इस सत्र के मुख्य अतिथि थे और जनजातीय क्षेत्रों से जुड़ी समस्याओं के समाधान हेतु केंद्र की नीतियों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इससे पूर्व जनजातीय छात्र संसद वर्ष 2015 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में आयोजित किया गया था। जिसमें पूरे देश भर से जनजाति छात्र उपस्थित रहे। जिन्होंने पूरे देश भर की जनजातीय क्षेत्रों की समस्यायों पर चर्चा की एवं उनके समाधान के लिए प्रस्ताव पारित किया। छत्तीसगढ़ के बस्तर से शैलेश ध्रुव जनजातीय क्षेत्र में रोजगार की स्थिति एवं संभावनाएं विषय के प्रस्ताव के प्रस्तावक रहे। अभाविप राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान जी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. आशुतोष मंडावी, अखिल भारतीय जनजाति कार्य प्रमुख प्रमोद रावत, अखिल भारतीय जनजाति कार्य सह प्रमुख नीलेश सोलंकी एवं राष्ट्रीय महामंत्री वीरेंद्र सिंह सोलंकी की विशेष उपस्थित थी।