कुम्हरावंड के सामुदायिक शौचालय में भ्रष्टाचार की बदबू

बकावंड । जनपद पंचायत बकावंड की ग्राम पंचायत कुम्हरावंड में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य अब तक अधूरा पड़ा है। भवन तो खड़ा हो गया है, लेकिन रंगाई-पुताई तक नहीं की गई, जिससे यह सरकारी उपेक्षा और लापरवाही का प्रतीक बन गया है। लाखों रुपए खर्च कर दिए जाने के बाद भी शौचालय का उपयोग ग्रामीण नहीं कर पा रहे हैं। शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार की बदबू उठने लगी है।
गंभीर बात यह है कि शौचालय भवन निर्माण से संबंधित सूचना पटल तक नहीं लगाया गया है। इससे यह पता नहीं चल पा रहा है कि कितनी राशि की लागत से और किस एजेंसी के जरिए निर्माण किया जा रहा है और न ही कौन-से इंजीनियर या अधिकारी इसके प्रभारी हैं। इस तरह की गड़बड़ी से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है, क्योंकि यह साफ तौर पर पारदर्शिता के नियमों का उल्लंघन है।ग्रामीणों का कहना है कि यह काम महीनों पहले पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अधिकारियों और पंचायत की लापरवाही के कारण भवन अधूरा पड़ा है। सरकार स्वच्छता और पारदर्शिता की बात करती है, लेकिन यहां शौचालय अधूरा है और सूचना पटल तक नहीं लगाया गया। आखिर लाखों रुपये का हिसाब कौन देगा?स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि शौचालय निर्माण में मनमानी की गई है घटिया सामग्री और लापरवाही के कारण यह स्थिति बनी है। ग्रामीणों ने मांग की है कि जांच टीम गठित कर कार्य की पूरी पड़ताल की जाए, ताकि दोषी अधिकारी या एजेंसी पर कार्रवाई हो सके।

नहीं आया है फंड
ग्राम पंचायत को फंड नहीं मिला है इस कारण काम अधूरा पड़ा है। फंड आते ही काम पूर्ण करा लिया जाएगा।
लखीराम देवांगन,
सचिव, ग्राम पंचायत, कुम्हरावंड

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