दिल को दहला देने वाली है पत्थलगांव की घटना – शशि पवार


छग में बढ़ते अपराध, फलते फूलते नशे के कारोबार के लिये सरकार जिम्मेदार – कविन्द्र जैन

धमतरी :- पत्थलगांव में हुई हृदय विदारक घटना को लेकर सोमवार को आयोजित पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये जिला भाजपा अध्यक्ष ठाकुर शशि पवार ने बताया कि विगत दिनों छग के जशपुर जिले के पत्थलगांव में अंतरराज्यीय गांजा तस्करों के द्वारा दुर्गा विसर्जन के लिये जा रहे श्रद्धालुओं को वाहन से कुचले जाने की हृदय विदारक घटना को अंजाम दिया गया। कुचले जाने से नगर के युवा गौरव अग्रवाल की दुखद मृत्यु हो गयी और 2 दर्जन से अधिक लोग घायल हो गये। घायलों में से कुछ की स्थिति अत्यंत गंभीर है। गांजा के तस्करों द्वारा की गई इस घटना ने आम आदमी को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना से शासन एवं प्रशासन के समक्ष अनेक सवाल खड़े कर दिये हैं। इतनी भारी मात्रा में गांजा की खेप लेकर उड़ीसा से आ रहे इन तस्करों को छग की सीमा में चेकिंग के बावजूद भी प्रवेश कैसे होने दिया गया? दुर्गा विसर्जन के दौरान लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस की होती है। जुलूस जब सड़क से निकल रहा था तो वहां कोई सुरक्षा कर्मी मौजूद था या नही? एक तेज रफ्तार वाहन बेरोकटोक उस भीड़ में कैसे घुसी? क्या पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के कारण ही तस्करों को वहां तक जाने दिया गया? ऐसे अनेक सवाल हैं जो सरकार और प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हैं। एक तरफ तो लखीमपुर की घटना के घटित होने के तुरंत बाद भुपेश बघेल लखनऊ में हवाई अड्डे में धरने पर बैठते हैं, वहां की सरकार द्वारा मुआवजा की घोषणा के बाद भी छग और पंजाब के कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्रियों द्वारा मृतकों को 1 करोड़ का मुआवजा देने की घोषणा की जाती है। कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल एवं प्रियंका गांधी लखीमपुर के दौरे पर निकल जाते हैं वहीं दूसरी तरफ पत्थलगांव में न तो मुख्यमंत्री का दौरा होता है न ही उनके नेता राहुल गांधी या प्रियंका गांधी का कोई दौरा तो दूर बयान तक नही आता।
जिला महामंत्री कविन्द्र जैन ने कहा कि छग में बढ़ते अपराध और फलते फूलते नशे के कारोबार के लिये सरकार जिम्मेदार है। शांति का टापू कहे जाने वाले छग में सिलगेर में आदिवासियों के साथ हुई घटना ने कांग्रेस का असली चेहरा जनता के सामने लाया था। उसके बाद कवर्धा में सरकार के वरिष्ठ मंत्री के दबाव में जिस प्रकार का धार्मिक उन्माद फैलाने तथा वर्ग विशेष को खुश करने निर्दोषों पर अवैध तरीके से मामले बनाकर दबाने का प्रयास किया गया उसके बाद पत्थलगांव की घटना से सरकार का क्रूर चेहरा बेनकाब हो गया है।
अपराधों की यदि बात की जाये तो इस सरकार में ढाई वर्षों में ही 61 करोड़ रुपयों से अधिक की लगभग 50 हजार किलो गांजा तस्करों से जब्ती हुई परंतु तस्करों पर कोई कोई कड़ी कार्यवाही नही की गई। अवैध शराब और नशीली दवाओं के 34335 प्रकरण केवल 3 वर्षों में दर्ज हुये हैं। बलात्कार, नाबालिगों के साथ दुष्कर्म, हत्या तथा गैंगरेप इत्यादि के हजारों मामले इन ढाई वर्षों में दर्ज हो चुके हैं। 14968 आत्महत्या के मामले दर्ज हुये हैं जिसमे 6100 मजदूरों के तथा 439 मामले किसानों की आत्महत्या के हैं। जो दर्ज नही हो पाए ऐसे मामले भी बड़ी तादाद में हैं।
भाजपा इस घटना को लेकर सड़क की लड़ाई तेज कर चुकी है। पार्टी की मांग है कि पत्थलगांव एवं कवर्धा मामले की निष्पक्ष न्यायिक जांच हो, मृतकों को 1 करोड़ तथा परिजनों को सरकारी नौकरी एवं घायलों को 50 लाख रुपये मुआवजे के रूप में दिए जाएं, सिलगेर समेत पुलिसिया एवं अन्य हत्या तथा आत्महत्या के प्रकरणों में लखीमपुर की तरह तुरंत सहायता राशि दी जाये, प्रदेश में सत्तापक्ष के संरक्षण में चल रही तस्करी की गतिविधियों पर तुरंत लगाम लगाया जाये, ऐसे सभी मामलों की त्वरित सुनवाई कर दोषियों को सजा सुनिश्चित हो, तस्करों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने हेतु एसआईटी/एसटीएफ के गठन किया जाये। स्थिति की गंभीरता को समझते हुये सरकार उपरोक्त मांगो पर त्वरित निर्णय ले।

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