स्पोर्ट्स अकादमी का इंटरव्यू बना मजाक,श्रम निरीक्षक ने उपाधि प्राप्त खिलाड़ियों का परखा ज्ञान
इंटरव्यू को लेकर प्राशासन ने दिखाई गजब की मेहरबानी,श्रम निरीक्षक को बना दिया खेल विशेषज्ञ
प्रोत्साहन राशि का श्रम निरीक्षक ने कैसे किया बंदरबाट,प्रातः इंडिया के हाँथ लगे दस्तावेज से हुआ खुलासा
बीजापुर(गणेश मिश्रा) :- स्पोर्टस अकादमी बीजापुर में प्रशिक्षक भर्ती को लेकर हुए गड़बड़ी और सहायक प्रशिक्षकों को अकादमी से चार साल बाद काम से निकाले जाने से जुड़ी खबर के प्रकाशन के बाद अब इस पूरे मामले में रोज नए-नए खुलासे होने लगे हैं। सहायक प्रशिक्षकों द्वारा श्रम निरीक्षक और अकादमी में मेहमान प्रशिक्षक सोपान करनेवार पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद अब भ्रष्टाचार और लिपिक के साथ प्रताड़ना के मामले को लेकर अखबार की सुर्खियां बने श्रम निरीक्षक सोपान करनेवार पर जिला प्रशासन की मेहरबानी का एक और नमुना प्रकाश में आया है। प्रातः इंडिया के हाथ लगे एक दस्तावेज के अनुसार 20 अक्टूबर को स्पोर्टस अकादमी बीजापुर में अंशकालिक क्रीड़ा प्रशिक्षक के नियुक्ति के लिए आयोजित साक्षात्कार में श्रम निरीक्षक को बतौर खेल विशेषज्ञ साक्षात्कार में बिठाया गया था, जबकि काम से निकाले गए सहायक प्रशिक्षकों के आरोपों की मानें तो श्रम निरीक्षक सोपान करनेवार को साफटबॉल के अलावा किसी भी अन्य खेलों का कोई भी ज्ञान नहीं हैं, जबकि अंशकालिक क्रीड़ा प्रशिक्षकों के लिए जुडो, कराते, तीरंदाजी, फुटबाल , बैडमिंटन, व्हालीबॉल, कबड्डी , एथलेटिक्स, तैराकी एवं कयाकिंग कनाइंग जैसे कुल 10 खेलों का साक्षात्कार लिया जाना था, जिसमें साफटबॉल को शामिल ही नहीं किया गया, बावजूद जिला प्रशासन और अधिकारियों की इस श्रम निरीक्षक पर मेहरबानी ऐसी बरसी कि उसे बतौर खेल विशेषज्ञ साक्षात्कार में बिठाया गया। जिलेभर के खिलाड़ियों को जिला स्तर, राज्य स्तर, राष्टीय स्तर और अंतरराष्टीय स्तर पर मंच देकर उनकी खेला प्रतिभाओं को निखारने के लिए चार साल पहले तात्कालिन कलेक्टर डॉ अययाज ताम्बोली की खेल के प्रति दृणनिश्चयता के चलते स्थापित किए गए बीजापुर खेल अकादमी में कुल दस खेलों का संचालन किया जाता है। चार साल पहले शुरू किए गए स्पोर्टस अकादमी में प्रारंभिक दिनों में साफटबॉल को भी शामिल किया गया था, जो 20 अक्टूबर को अंशकालिक क्रीड़ा प्रशिक्षक की नियुक्ति के लिए आयोजित साक्षात्कार तक संचालित था, परंतु जिन दस खेलों के लिए वर्ष 2021 में साक्षात्कार लिया गया उसमें साफटबॉल को शामिल नहीं किया गया,जिससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि या तो खेल अकादमी बीजापुर से साफटबॉल जैसे खेल को खत्म कर दिया गया या फिर काम से निकाले गए सहायक प्रशिक्षकों की आरोपों की मानें तो श्रम निरीक्षक सोपान करनेवार खेल अकादमी में जमे रहने के लिए कुटरचना को अंजाम देते हुए उसने अधिकारियों से सांठगांठ कर साफटबॉल खेल के लिए रिक्त मुख्य प्रशिक्षक के लिए किसी भी खिलाड़ी को साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया, बावजूद जिला प्रशासन ने श्रम निरीक्षक को बतौर खेल विशेषज्ञ साक्षात्कार में बिठाकर वास्तविक खेल विशेषज्ञों के अपमान में कोई कसर नहीं छोड़ी। दस्तावेजों की मानें तो 20 अक्टूबर को आयोजित साक्षात्कार में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिपं बीजापुर बतौर अध्यक्ष और सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग तथा जिला खेल अधिकारी खेल एवं युवा कल्याण विभाग बतौर सदस्य आमन्त्रित किये गए थे, परंतु इनमें से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिपं और सहायक आयुक्त साक्षत्कार में पहुंचे ही नहीं। परिणामस्वरूप स्वयं को उत्कृष्ट खिलाड़ी बताने वाले सोपान करनेवार अपने पूर्व निर्धारित षडयंत्र को अंजाम देने में कामयाब रहें और चार सालों से खेल अकादमी बीजापुर में सहायक प्रशिक्षक के पद पर रहकर अपने घर और परिवार का पालन पोषण करने वाले स्थानीय युवाओं को एकेडमी से बाहर कर दिया।
खुद के और परिवार वालों के खाते में डलवाया प्रोत्साहन राशि का पैसा
स्पोर्टस अकादमी बीजापुर में प्रभारी खेल अधिकारी बनने राजनैतिक पहुंच का फायदा उठाकर अफसरों पर दबाव बनाने और एकेडमी में प्रभारी रहने के दौरान खिलाड़ी और सहायक प्रशिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार करने के अलावा एकेडमी के ही लिपिक को प्रताड़ित करने के मामले को लेकर सुर्खियों में रहने वाले श्रम निरीक्षक सोपान करनेवार इन दिनों एकेडमी ही नहीं बल्कि अपने ही श्रम विभाग में भी 13 लाख 32 हजार रूपयों के गबन के मामले को लेकर भी अखबार की सुर्खियां बटोर रहे हैं, बावजूद शासन-प्रशासन और सत्तासीन चुने हुए नेता इस श्रम निरीक्षक पर कार्रवाई करने के बजाए लगातार उसे संरक्षण देने में लगे हुए हैं। श्रम निरीक्षक सोपान करनेवार पर आरोप है कि उनके द्वारा विभाग के ही कुछ कर्मचारियों के साथ सांठगांठ कर मृत मजदूरों की राहत राषि , प्रोत्साहन अनुदान राषि तथा मेधावी छात्रों को शिक्षा नर्सिंग और अंत्येष्टि अनुदान सहित अन्य मद के लिए प्रोत्साहन योजना के तहत् आने वाली राशि जिसे छात्राओं और मजदूरों के खातों में डाली जाने वाली राषि वर्ष 2019-20 तेरह लाख से अधिक का गबन किया गया है। इनके द्वारा इस राशि का किस तरह दुरूपयोग किया गया है और कहां कहां भेजा गया है, इससे जुड़ा एक दस्तावेज प्रातः इंडिया के हाथ लगा है, जिसके अनुसार विभाग के कर्मचारी द्वारा सोपान करनेवार के बैंक खाता क्रमांक 20318803668 में 10 फरवरी 2020 को 18 हजार, 16 जुलाई 2019 को 10 हजार , 19 अगस्त 2019 को 20 हजार और 5 सितम्बर 2020 को 16 हजार रूपए स्थानांतरण किए गए, जबकि उन्हीं के एक रिष्तेदार के एक खाता क्रमांक 32931554839 में 31 जनवरी 2019 को 10 हजार, 13 मार्च 2019 को 11 हजार और 14 मार्च 2019 को तीन हजार रूपए स्थानांतरित किए गए। यही नहीं बल्कि सोपान करनेवार को फोन पे नंबर पर भी 23 जून 2021 को क्रमशः 10 हजार, 15 हजार और 25 जून को 25 सौ रूपए स्थानांतरित किए गए। जबकि ये पैसे मृत मजदूरों को राहत राशि और छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन योजना के तहत् दी जाने वाली राशि थी, जिसका श्रम निरीक्षक ने अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर बंदरबाट किया गया, बावजूद शासन-प्रसासन कार्रवाई के बजाए मेहरबानी बरसाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
क्रमशः—–