किसानों और देश की जनता को काले कृषि क़ानूनों के दुष्प्रभावों को समझने में तीन घण्टे भी नही लगे लेकिन मोदी सरकार को एक साल से भी अधिक समय लग गया – विक्रम मंडावी
काले कृषि कानूनों को पहले वापस ले लेते तो सैकड़ो किसानों की जान बच जाती – कांग्रेस
आंदोलन में शहीद किसानों से मोदी माफी मांगे और मुआवजा दें- विक्रम मंडावी
बीजापुर :- कृषि कानून वापस लेने पर बीजापुर के विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी ने कहा इन काले कानूनों को पहले ही वापस ले लेते तो इन कानूनों के विरोध के कारण चलाये जा रहे आंदोलन में सैकड़ो किसानों की जाने नही जाती। आशा है प्रधानमंत्री की यह घोषणा में पूरी ईमानदार होगी इसके पीछे कोई और चाल नही होगी। इन कानूनों को तो संसद में प्रस्तुत करने के पहले जब अध्यादेश के रूप में लागू किया गया था उसी समय वापस ले लेना था। जिस कानून की विसंगतियों और दुष्प्रभाव को समझने में किसानों और देश की जनता को तीन घण्टे भी नही लगे उन काले कानूनों के बुरे प्रभावों को समझने में मोदी सरकार को एक साल से भी अधिक समय लग गया।
विक्रम मंडावी ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर नए सिरे से शुरुआत करने की बात कर रहे ।लेकिन कृषि कानूनों के विरोध के आंदोलनों में जिन लोगो की जाने गयी है जब तक उनके घावों में मरहम नही लगेगा नए सिरे से शुरुआत कैसे होगी ? प्रधान मंत्री मोदी को इन शहीद किसानों और आंदोलनकारियों के परिवारों से सार्वजनिक माफी मांगते हुए मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा भी दिया जाय।