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आदिवासी पंरपरा के अनुसार विधि विधान सहित दी गई देवी- देवताओं को दियारी विदाई
करकाघाट/कोयलीबेड़ा:- बहुचरचित पुरखोति देवी स्थान करकाघाट में बर्षो से चली आरही आदिवासियों के रिति-रिवाज के अनुसार 7 परगना और 14 टंडा-मंडा के चौदह भाई के 103 ग्राम पंचायत के सैंकड़ों गांव के मांझी,गायता,पटेल, सरपंच,जनपद सदस्य,तथा गणमान्य नागरिक आस्था के केंद्र करकाघाट के प्रमुख देवी बजारीन माता के शक्ति पीठ में में उपस्थित होकर दियारी बिदा (तेल-दोनी) देकर अपने और देवी,माँई दन्तेश्वरी, बुढादेव,उसुरमुदियाल,मुसरघाटकरीन,लिगों बाबा,काडा़हुर्रा,प्रमालमुदिया,जमीदारीन डोकरी,सभी देवी-देवता,माता-मावलीयों का पूजा-पाठ कर शासन-प्रशासन को भी संदेश देने की कोशिश किये जो सर्व आदिवासी समाज द्वारा विगत आठ-नौं माह पहले बीएसएफ कैंप को लेकर बसे विवादित स्थल वास्तव में आदिवासियों के पूर्वजनों का देवी स्थान है,आज आदिवासियों के आस्था को देख साबित होता है कि यह स्थान आस्था से जुड़ा हुआ है । इस दौरान पूर्व विधायक मंतूराम पवार सहित हजारों की संख्या में जनप्रतिनिति, समाज प्रमुख और ग्रामीण उपस्थित रहे ।