मेला- मड़ई में पहुंचे विधायक रेखचंद जैन, सरकारी योजनाओं की जानकारी दी, लगवाए भूपेश बघेल जिंदादाबाद के नारे


जगदलपुर :- क्षेत्रीय विधायक एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन सोमवार को जगदलपुर ब्लॉक के दो स्थानों आसना व कस्तूरी में आयोजित मेला- मड़ई तथा आमागुड़ा में दुलारदेई मातागुड़ी के लोकार्पण समारोह में शामिल हुए।

विधायक श्री जैन ने तीनों स्थानों पर ग्रामीणों को मेला- मड़ई के आयोजन तथा आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए भूपेश बघेल सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने किसानों तथा ग्रामीणों के हित में राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिंदाबाद के नारे ग्रामीणों से लगवाए।
आसना में श्रीश्री मां शीतला कंकालीन माता की गुड़ी में पूजा पश्चात संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा कि आपने मुझे विधायक चुनकर सेवा करने का अवसर प्रदान किया, यह मेरा सौभाग्य है। मेरी यथासंभव कोशिश लोगों की सेवा करना है। उन्होंने कहा कि 15 साल में देवगुड़ियों के जीर्णोद्धार की दिशा में भाजपा सरकार ने जरा भी ध्यान नहीं दिया। कांग्रेस की सरकार आते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देवगुड़ियों की मरम्मत व जीर्णोद्धार की स्वीकृति दी है। मातागुड़ी की भव्यता देखकर मन प्रफुल्लित हो उठता है। आसना के विकास के लिए ईश्वर खंबारी की पहल को रेखांकित करते हुए श्री जैन ने उनकी खूब सराहना की। साथ ही धान खरीदी, किसान कर्ज माफी की जानकारी भी दी। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व जिला पंचायत सदस्य ईश्वर खंबारी, सुदर्शन पाणिग्रही, सरपंच प्रवीण देहारी, उप सरपंच रामनाथ कश्यप, हेमंत कश्यप, कमलोचन पाणीग्रही, संत पाणीग्रही, लछनी बाई, देवशंकर पंडा, ज्वाला पाणिग्रही, रोहित पाणिग्रही, वेणुधर, हरेकृष्ण, चंद्रोराम, मोसूराम नाईक, ग्राम पटेल, कोटवार आदि मौजूद थे।

दोहराई मंच निर्माण की प्रतिबद्धता
इसके बाद विधायक श्री जैन कस्तूरी में बामनदेई माता के मेले में फिर आमागुड़ा दुलारदेई मातागुड़ी के लोकार्पण कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। उन्होने देवगुड़ी परिसर में सार्वजनिक मंच निर्माण करवाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। ग्रामीणों की अन्य मांगों को सुनने के बाद बारी-बारी से उन्हें पूरा करने का संकल्प भी लिया। कार्यक्रम में कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष वीरेंद्र साहनी, सरपंच भगत, सरपंच राजेंद्र, गौरनाथ नाग, नगर निगम पार्षद सूर्या पाणि, जगबंधु व अनेक ग्रामीण मौजूद थे।

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