सीएमओ ने दल्ली राजहरा में लड़ा दिया कांग्रेस और भाजपा के लोगों को, चाल से सब हैरान

अर्जुन झा-
दल्ली राजहरा। नगर पालिका दल्ली राजहरा में अभी नए अध्यक्ष और पार्षदों कामकाज सम्हाला भी नहीं है और सीएमओ ने भाजपा एवं कांग्रेस में लड़ाई शुरू करा दी है। सीएमओ के इस तिकड़म से जनप्रतिनिधियों के बीच मतभेद गहरा गया है और आगे चलकर इसका दुष्परिणाम शहर की जनता को भोगना पड़ सकता है।

दल्ली राजहरा में नगरीय निकाय चुनाव में जीतकर आए नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह 8 मार्च को नगर पालिका द्वारा आयोजित किया गया है। यह कार्यक्रम पूर्णतः शासकीय कार्यक्रम है, मगर मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने इसे लेकर ऎसी शातिराना हरकत कर दिखाई है कि हर कोई हैरान है और सीएमओ की निंदा हो रही है। दरअसल मुख्य नगर पालिका अधिकारी भूपेंद्र वाडेकर द्वारा कार्यक्रम के आयोजन को लेकर जो आमंत्रण पत्र छपवाया गया है, उसके मजमून को देखकर लग रहा है कि सीएमओ भूपेंद्र वाडेकर जानबूझ कर बड़ा खेल कर दिया है। वाडेकर ने सत्ताधारी दल भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस के बीच बड़ी खाई खोद दी है। निमंत्रण पत्र को देखने से नहीं लगता कि शपथ ग्रहण समारोह शासकीय आयोजन है। इस कार्यक्रम में आम जनता के बजाय सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता ही उपस्थित रहेंगे ऐसा आभास हो रहा है। नगर के लोगों और कांग्रेसियों में चर्चा आरंभ हो चुकी है कि कांग्रेस का कोई भी पार्षद इस शपथ ग्रहण समारोह में अपनी उपस्थिति नहीं देगा और कांग्रेस के समस्त पार्षद नगर पालिका के सभागार में अलग से शपथ ग्रहण करेंगे। कांग्रेस के जिम्मेदार पदाधिकारीयों का मानना है कि इस महत्वपूर्ण आयोजन में जो कि पूर्णतया शासकीय आयोजन है में सिर्फ और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों को आमंत्रित करना और उन्हें समाज सेवक दर्शाकर अतिथि का दर्जा देना और क्षेत्र की कांग्रेस विधायक अनिला भेड़िया की इस कार्यक्रम में पूरी तरह से अवहेलना करना सीएमओ की फूट डालो और राज करो वाली नीति को उजागर करता है। कांग्रेस के लोग सीएमओ के साथ ही भाजपाइयों की मानसिकता पर भी सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस जनों की कार्यक्रम में उपस्थित की संभावना कम ही है। आम जनता की भी उपस्थिति नगण्य रह सकती है। कुल मिलाकर सीएमओ ने पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह के महत्वपूर्ण आयोजन पूरी एक पार्टी का आयोजन बनाकर रख दिया है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी दोनों दलों को लड़ा कर शहर के विकास में अवरोधक साबित हो सकते हैं।

सीएमओ की थोथी दलील
राजहरा, कोई भी सामान्य व्यक्ति शपथ ग्रहण समारोह के आमंत्रण कार्ड को देखकर आसानी से समझ सकता है कि विनीत में साफ लिखा है कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी। अर्थात इस समारोह के मेजबान सीएमओ भूपेंद्र वाडेकर ही हैं। वाडेकर ने निमंत्रण पत्र सरकारी चिन्ह के साथ छपवाया है। नीचे विनीत में उनका नाम व पद का भी उल्लेख है। ऐसे में उनके द्वारा निमंत्रण पत्र के बारे में अनभिज्ञता जाहिर करना उनकी थोथी दलील ही लगती है। निमंत्रण कार्ड फर्जी है तो ऐसा किसके द्वारा किया गया है? अगर सीएमओ को अंधेरे में रखकर ऐसा किया गया है तो क्या सीएमओ ने अपने वरिष्ठ अधिकारीयों के समक्ष या फिर पुलिस में इसकी कोई शिकायत दर्ज कराई है? वैसे अपनी करतूत पर जब बवाल मचने लगा तो सीएमओ ने दोष अपर कलेक्टर पर मढ़ने की नाकाम कोशिश की है।शपथ ग्रहण समारोह में प्रदेश के डिप्टी सीएम सहित कई दिग्गज बीजेपी के नेता उपस्थित रहेंगे, तो क्या ऐसे में उनको जो आमंत्रण भेजा गया है वह फर्जी है जैसा कि सीएमओ ने अपने स्पष्टीकरण में दिया है। कुल मिलाकर सीएमओ भूपेंद्र वाडेकर ने बालोद जिला प्रशासन की भद्द पिटवा दी है।

मैंने नहीं छपवाए हैं कार्ड
आमंत्रण कार्ड मैंने नहीं छपवाए हैं, इस मामले में मेरी कोई जिम्मेदारी नहीं है हम एडिशनल कलेक्टर के माध्यम से कुछ लोगों को इस समारोह में आमंत्रित करेंगे।
भूपेंद्र वाडेकर,
सीएमओ, दल्ली राजहरा नगर पालिका

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