क्षेत्र के किसानों की ज्वलंतशील समस्या है लो वोल्टेज,मक्का में पानी नही दे पा रहे है किसान वोल्टेज नही बढ़ा तो पूरी तरह सूख जाएगी फसल, किसान परेशान
छोटे कापसी (राजदीप शर्मा)- क्षतिग्रस्त 132 केवी हाईटेंशन लाइन भुसकी के पहाड़ में हो रहे काम को देखने पहुँचे पूर्व विधायक भोजराज नाग एवं कापसी महामंत्री स्वतंत्र नामदेव ,भोजराज ने कहा परलकोट क्षेत्र के किसानों की ज्वलंतशील समस्या है। किसानों ने कहा कि लो वोल्टेज के चलते मक्का में पानी नही दे पा रहे है, अगर चार पांच दिन बिजली नही रही तो फसल पूरी तरह सूख जाएगी।
हाईटेंशन लाइन पर 29 मार्च की दोपहर को पेड़ गिरने से तार टूट गया है पिछले तीन दिनों से परलकोट क्षेत्र में जन जीवन प्रभावित। पुरानी लाइन को जोड़ कर बिजली बहाल तो बहाल कर दी गई है हुई है, लेकिन लो वोल्टेज की समस्या जस की तस बनी हुई है। पीने के पानी के लिए भी लोगों को परेशान होना पड़ रहा है ,घर का पंप,पंखा,कूलर आदि लो वोल्टेज के कारण नही चल रहा। ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी हुई है। बिजली विभाग के कर्मचारि एवं ठेकेदार के लोग दिन रात लगे हुए है। अधिकारियों ने कहा जल्द ही बिजली बहाल हो जाएगी।
टावर जोड़ने का समान ले जाने में छूट रहा पसीना-
भुसकी के जंगल मे आग लगने से सूखे पेड़ जल कर तार पर गिरा है, जिसकी वजह से हाईटेंशन तार पर टूटा टावर को सुधारने लगे विभाग के अधिकारी, कर्मचारी रायपुर के ठेकेदार मनिरुल शर्मा के प.बंगाल वाले लेबर मजहरुल,अमित मंडल,बरकल अली,मालदा मोतीउल रहमान जंगल के रास्ते टावर को सुधारने के लिए लोहे का चैनल अपने कंधों में लेकर पहाड़ों के रास्ते नाला होते हुए लगभग आधा किलोमीटर ले जा कर टावर को बना रहे है।
नेटवर्क बना सबसे बड़ा रोड़ा –
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नेटवर्क नहीं होने से कार्य में विलंब हो रहा है हाईटेंशन लाइन ठीक करते समय कुछ समान की आवश्यकता या फिर उच्च अधिकारियों से संपर्क करने के लिए दो चार किलोमीटर आगे दुर्गकोंदल के नजदीक जाकर बात करनी पड़ती है।भुसकी बीएसएफ कैम्प में सरकारी कम्पनी का मोबाइल टॉवर है पर चालू नही है।
इस संबंध पर बुधरु राम नाग एक्जीकेटिव इंजीनियर जगदलपुर संभाग ने बताया कि सूखे पेड़ में आग लगने से पेड़ तार पर गिरा है जिससे दो तार के खिंचाव से टावर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया,पिछले तीन दिनों से जगदलपुर, कांकेर, रायपुर,पखांजुर की टीम लगातार काम कर रही है। जल्द ही व्यवस्था तुरुस्त होगी। शहर के आबादी क्षेत्र में 132 के.व्ही लाइन के दोनों ओर कम से कम 27 मीटर तक पेड़ की सफाई होती है। जबकि कांकेर,बस्तर क्षेत्र में ज्यादा जंगल फारेस्ट क्षेत्र होने की वजह से परेशानी हो रही है। फारेस्ट की ओर से टॉवर के दोनों ओर मिलाकर तीन मीटर तक ही पेड़ सफाई करने की परमिशन मिलती है। बढ़े पेड़ो की डाल को छटाई करने की अनुमति मिलती है। जंगल क्षेत्र होने की वजह से दिक्कतों को सामना करना पड़ता है।
इस विषय पर असिस्टेंट इंजीनियर कांकेर गरिमा नेताम ने बताया कि 29 मार्च की दोपहर को पुत्तरवाही से पखांजुर जाने वाली बिजली 132 केवी मेन लाइन में पेड़ गिरने से पखांजूर क्षेत्र की बिजली गुल हो गई है ख़बर मिलते ही कांकेर की टीम उच्च विभागीय अधिकारियों को जानकारी देते हुए भुसकी बीएसएफ कैम्प के पास जंगल में 132 केवी के दो टॉवर के टूटने के सूचना मिली स्थल तक पहुचने के लिए घण्टो का समय लगा,तीन दिनों से 30 से 35 स्टाफ दिन रात लाइन सुधारने में लगे हुए है। मैं भी स्वयंम स्थल पर ही मौजूद हूं, यथासम्भव शुक्रवार शाम तक लाइन सुधारी जा सकेगी। पखांजूर क्षेत्र में फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था के लिए पुरानी लाईन को चालू कर दिया गया है।