भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा स्वागत द्वार, जल संसाधन विभाग ने बनाये हैं लगभग 60 स्वागत द्वार, एक स्वागत द्वार के लिए हुआ 11 लाख का भुगतान

रामानुजगंज(विकास केसरी) :- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह एवं जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल है यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि जल संसाधन विभाग की भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े स्वागत द्वार बता रही है छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बने करीब 3 वर्ष होने जा रहे हैं परंतु आज भी जल संसाधन विभाग की गेटों में मुख्यमंत्री के रूप में डॉक्टर रमन सिंह एवं जल संसाधन मंत्री के रूप में बृजमोहन अग्रवाल शोभायमान हो रहे है।

गौरतलब है कि जल संसाधन विभाग के द्वारा पूरे संभाग में करीब 60 स्वागत द्वारा बनवाए गए हैं जिसके लिए जल संसाधन विभाग के द्वारा ठेकेदार को 11-11 लाख रुपए का भुगतान किया गया है परंतु जितने भी स्वागत द्वार बनाए गए हैं उसकी वास्तविक लागत 2 लाख रुपय से अधिक नहीं है ऐसे मे 9 लाख रुपय एक स्वागत द्वार में भ्रष्टाचार किया गया है जिसकी कई बार शिकायतें हुई परंतु जांच उन्हीं अधिकारियों के जिम्मे मिला जिनके द्वारा भ्रष्टाचार किया गया था जिसके कारण आज तक न जाच पूरी हुई ना इस पर कार्यवाही हुई जिस कारण भ्रष्ट अधिकारियों के हौसले बुलंद है एवं वे लगातार इसी प्रकार के भ्रष्टाचार करने में लिप्त है अधिकारियों किस प्रकार की अकर्मण्यता है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बने 3 वर्ष होने जा रहे हैं परंतु आज भी इस भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े स्वागत द्वार में पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व जल संसाधन मंत्री का ही चित्र शोभायमान है।

स्वागत द्वार के भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के ही मिला इसके जांच का जिम्मा –

जल संसाधन विभाग के द्वारा बना स्वागत द्वार ₹200000 लागत से अधिक का कहीं नहीं बना है परंतु प्रत्येक स्वागत द्वार के लिए 11 लाख रुपए का भुगतान विभाग के द्वारा कर दिया गया इसकी शिकायत भी हुई परंतु जांच उन्हीं अधिकारियों के द्वारा किया गया जिनके द्वारा यह भ्रष्टाचार किया गया था।

नियम कानून ताक में रख कर किया गया स्वागत द्वार का कार्य –

जल संसाधन विभाग के अधिकारी भ्रष्टाचार करने के लिए अपने हिसाब से नियम बनाते हैं एवं अपने हिसाब से नियम तोड़ते हैं भ्रष्टाचार करने के लिए उनके पास कई प्रकार के बहाने एवं कई प्रकार के नियम है जिसका वे पालन करते हैं।

पहले कार्य में भ्रष्टाचार फिर जांच में भ्रष्टाचार –

जल संसाधन विभाग के अधिकारी लगातार भ्रष्टाचार में लिप्त है वही कार्यों में तो भ्रष्टाचार होता ही है परंतु इस विभाग में तो जांच में भी भ्रष्टाचार होता है इसलिए भ्रष्टाचारियों का कुछ नहीं होता एवं उनके मनोबल इतने बड़े हुए हैं कि एक बटा चार को करने के बाद तुरंत दूसरे भ्रष्टाचार करने के लिए भी तैयार रहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *