अपनी ही सरकार का पुतला जलाने वाले दल को दल्ली राजहरा में गले लगाने जा रही है भाजपा?

अर्जुन झा-
दल्लीराजहरा। क्या दल्ली राजहरा में भाजपा ने अपनी ही सरकार का पुतला जलाने वालों को गले लगाने की तैयारी कर ली है, क्या भाजपा प्रखर विरोधी दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से गलबाहियां करने का फैसला कर लिया है? अगर यह सच है तो यह भाजपा के लिए बड़ा ही आत्मघाती कदम साबित होगा। दरअसल इस तरह की चर्चा को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक के बाद बल मिला है।
चर्चा है कि भाकपा ने इस बैठक में दल्ली राजहरा नगर पालिका चुनाव में सक्रियता से भाग लेने का निर्णय लिया है। दल्ली राजहरा में आयोजित इस बैठक में निर्णय लिया गया है कि राजहरा में भाजपा व कांग्रेस को छोड़कर समान विचारधारा के संगठनों से चर्चा की जाएगी एवं अध्यक्ष तथा पार्षद उम्मीदवारों के नाम तय किए जाएंगे। बैठक में अनिल यादव, राजेंद्र बेहेरा, गौतम बेरा, मोहम्मद नसीम, श्याम साहू, अमरीक सिंह, प्रभात कुमार, कन्हैया, पवन, रंजीत सिंह, हरिशंकर राव, हरिशंकर दुबे, बलवंत राय, लक्की कौशल, चुन्नीलाल, राधेश्याम, मनोज केटी, चंदूलाल, कुशल, इंद्रकुमार साहू, चंदन, राधेलाल ठाकुर, इन कुमार साहू, सुरेश साहू, विजय आदि श्रमिक नेता उपस्थित थे। भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के इस निर्णय के बाद नगर पालिका चुनाव में कई समीकरण बनने बिगड़ने की स्थिति बन गई है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी समर्थित ट्रेड यूनियन संयुक्त खदान मजदूर संघ के संगठन सचिव तोरण लाल साहू द्वारा भारतीय जनता पार्टी से टिकट की दौड़ में शामिल होने बाबत पूछे गए प्रश्न पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव अनिल यादव ने कहा कि तोरण लाल साहू ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को इस बाबत न तो कोई सूचना दी है और न ही अपना इस्तीफा दिया है। अनिल यादव के इस जवाब के बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं होने लगी हैं। क्या भारतीय जनता पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का नगर पालिका चुनाव में कोई गठबंधन होने जा रहा है? क्या भारतीय जनता पार्टी द्वारा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मजदूर संगठन के पदाधिकारी को टिकट दिया जाएगा? क्या भाजपा से टिकट न मिलने पर तोरण साहू भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी व अन्य पार्टियों के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे? इन प्रश्नों के उत्तर फिलहाल हवा में तैर रहे हैं। तोरण लाल साहू एक साल से पार्टी में एक्टिव हुए हैं। संयुक्त खदान मजदूर संघ एक कम्युनिस्ट मजदूर संगठन है और तोरण साहू उसके संगठन सचिव हैं। वे आएदिन भाजपा सरकार के विरोध में आंदोलन कर पुतला जलाते रहते हैं। वे कुछ दिन पहले अपने साहू समाज का ही चुनाव हार गए थे। जो व्यक्ति अपने समाज का ही विश्वास न जीत पाए उस पर भाजपा को भरोसा करना भाजपा के लिए ही घातक होगा।

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