जिले के वनोपज संग्राहकों को मिल रहा है लघु वनोपज का वाजिब दाम
वर्ष 2020-21 में 27663 क्विंटल लघु वनोपज संग्रहण कर संग्राहकों ने कमाये 9 करोड़ 23 लाख रुपए
हरा सोना संग्रहण से तेन्दूपत्ता संग्राहकों को हुई 30 करोड़ 15 लाख रूपए की आमदनी
बीजापुर :- घने जंगलों एवं पहाड़ियों से आच्दादित बीजापुर जिले में यहां के निवासियों के लिए वनोपज संग्रहण एक प्रमुख आय का जरिया है। जिले में ईमली, महुआ, टोरा, हर्रा, बहेड़ा, कालमेघ, चिरौंजी आदि लघु वनोपज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, इन सभी के संग्रहण करने के फलस्वरूप संग्राहकों को अच्छी आमदनी होती है। शासन द्वारा इन संग्राहकों को शोषण से बचाने एवं वनोपज का उचित दाम दिलाने के उद्देश्य से 52 प्रजाति के लघु वनोपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। विगत 2019-20 में ट्रायफेड द्वारा वन-धन योजना लागू की गयी है, जिसके तहत् महिला स्व-सहायता समूहों को जोड़कर 25 हाट-बाजार संग्रहण केन्द्रों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वनोपज की खरीदी की जा रही है। जिससे स्थानीय संग्राहकों को उनके लघु वनोपज का वाजिब दाम मिल रहा है। यही कारण है कि वर्ष 2019-20 में जिले के अंतर्गत 9 हजार 174 क्विंटल लघु वनोपज का संग्रहण किया गया और 30 हजार 108 संग्राहकों को 2 करोड़ 63 लाख 16 हजार 629 रूपए का भुगतान किया गया। उक्त उपलब्धि को मद्देनजर रखते हुए जिले में वर्ष 2020-21 में 37 हजार क्विंटल लघु वनोपज संग्रहण करने सहित संग्राहकों को 15 करोड़ 22 लाख रूपए भुगतान करने का लक्ष्य रखा गया था। जिसके एवज में 27 हजार 663 क्विंटल लघु वनोपज का संग्रहण कर 32450 संग्राहकों को 9 करोड़ 23 लाख 26 हजार 836 रूपए का भुगतान किया गया। वर्ष 2021-22 के तहत 31 हजार 677 क्विंटल लघु वनोपज संग्रहण का लक्ष्य नियत किया गया है और वर्तमान में संग्राहकों को उच्च गुणवत्ता के लघु वनोपज का संग्रहण करने हेतु प्रोत्साहित किये जाने व्यापक प्रचार-प्रसार कर लघु वनोपज क्रय किया जा रहा है। वहीं हाट-बाजार संग्रहण केन्द्रों से क्रय किये गये लघु वनोपज को 4 वन-धन केन्द्रों बीजापुर, भैरमगढ़ आवापल्ली एवं भोपालपटनम में भंडारित किया जा रहा है। इन वन-धन केन्द्रों पर दस-दस महिला स्व-सहायता समूहों के द्वारा संग्रहित लघु वनोपज का प्राथमिक प्रसंस्करण किया जा रहा है। जिससे इन महिला स्व-सहायता समूहों को रोजगार सुलभ होने के साथ ही उनके आय में ईजाफा हो रहा है। जिले में लघु वनोपज के साथ ही हरा सोना अर्थात तेन्दूपत्ता संग्रहण स्थानीय ग्रामीण संग्राहकों के आय का प्रमुख स्त्रोत है। जिले के अंतर्गत 28 प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के द्वारा 514 फड़ों में तेन्दूपत्ता संग्रहण किया जाता है। जिले में तेन्दूपत्ता सीजन 2019 में 80 हजार 500 मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण लक्ष्य के एवज में 90 हजार 204 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया तथा 54 हजार 290 संग्राहकों को 36 करोड़ 8 लाख 18 हजार 100 रूपए का भुगतान किया गया। वहीं तेन्दूपत्ता सीजन 2020 के दौरान कोविड-19 संकट के बावजूद 80 हजार 500 मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण लक्ष्य के विरूद्ध 81 हजार 998 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया और 41 हजार 944 संग्राहकों को 32 करोड़ 79 लाख 95 हजार 352 रूपए का भुगतान किया गया। इसी तरह तेदूपत्ता सीजन 2021 में भी कोविड संकट के बावजूद 80 हजार 500 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण लक्ष्य के एवज में 75 हजार 395 मानक बोरा तेदूपत्ता का संग्रहण किया गया तथा 52 हजार 760 संग्राहकों को 30 करोड़ 15 लाख 80 हजार 512 रूपए का भुगतान किया गया। राज्य सरकार द्वारा तेदूपत्ता संग्राहकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की संवेदनशील पहल के फलस्वरूप शहीद महेन्द्र कर्मा तेदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना अंतर्गत अब तक प्राप्त कुल 121 प्रकरणों का निराकरण कर सम्बन्धित संग्राहक परिवारों को एक करोड़ 96 लाख 30 हजार रूपए दावा राशि का भुगतान किया जा चुका है।