लंबित वेतन व निगरानी हेतु मनरेगा कर्मचारियों ने सौपा ज्ञापन

बीजापुर- छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ छतीसगढ़ के आहवान पर जिला बीजापुर इकाई ने अपनी चार मांगो क्रमशः लंबित वेतन भुगतान शीघ्र करने व समय पर वेतन भुगतान हेतु निगरानी सिस्टम व अन्य मांगो सहित गुरूवार 3 मार्च को विभागीय मंत्री के नाम से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रवि साहू को को ज्ञापन सौपा। संघ के जिला अध्यक्ष ललित मानिकपुरी ने बताया कि महासंघ अपनी मांगों को लेकर राज्य शासन को समय-समय पर ज्ञापन एवं पत्र सौपकर निराकरण करने के संबंध में अनुरोध किया जाता रहा है, किंतु आज पर्यंत तक समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया है।

ज्ञापन सौपने के दौरान छत्तीसगढ़ ग्राम रोजगार सहायक संघ के जिला अध्यक्ष सुशील दुर्गम व सचिव प्रताप सेमल मनरेगा संघ से पदुम साहू , प्रषांत यादव, जिनेष कुमार, जय ध्रुव, ममता जव्वा, रेषमा, सिलिप प्रधान, मनीष, विष्णु उपस्थित थे।

मनरेगा कर्मचारियों की मुख्य मांगे-

  1. लंबित वेतन भुगतान शीघ्र किया जावे:- छत्तीसगढ़ मनरेगा अधिकारी/कर्मचारी एवं ग्राम रोजगार सहायकों को विगत 04 माह से अधिक हो जाने के पश्चात् भी वेतन भुगतान नहीं हुआ है, जिसके कारण आजीविका चलाने मे समस्या आ रही है।
  2. समय पर वेतन भुगतान हेतु राज्य स्तर पर निगरानी सिस्टम बनाई जाऐ:- मनरेगा कर्मीयों का वेतन लंबित न हो, जिसके लिए राज्य स्तर पर निगरानी सिस्टम तैयार किया जाऐ एवं वेतन विलंबन के लिए जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु समुचित आदेषित किया जाऐ साथ ही साथ वेतन भुगतान संबंधी समय-समय पर समीक्षा किया जाऐ।
  3. प्रतिवर्ष गोपनीय प्रतिवेदन के आधार पर सेवा वृद्वि:- प्रतिवर्ष 28 फरवरी तक के लिए मनरेगा अधिकारी कर्मी एवं ग्राम रोजगार सहायकों की सेवा वृद्वि की जाती है। लेकिन विभिन्न जिलों मे सालभर भी सेवा वृद्वि नही की जा रही है या विलम्ब से सेवा वृद्वि की जाती है, इस प्रकार बिना सेवा वृद्वि के मनरेगा मे कार्य कराया जा रहा है। जो कि संविदा भर्ती नियम 2012 के विरूद्ध है। जिसके लिए माॅनिटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। गोपनीय प्रतिवेदन/ सेवा वृद्वि विलंबन के लिए जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु समुचित आदेशित किया जाऐ साथ ही साथ सेवा वृद्वि संबंधी समय-समय पर समीक्षा किया जाऐ।
  4. ईपीएफ. भुगतान के संबंध में:- वित्तीय वर्ष 2015-16 से अब तक विभिन्न जिलों मे ईपीफए संबंधी कटौती पूर्ण नहीं हुआ है, जिसका समाधान किया जावे।

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