सेवानिवृत शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, नक्सल हिंसा में मृत, ठेकेदार, व्यापारी को मनरेगा मजदूर बना कर लाखों रुपये का शासन प्रशासन को लगाया गया चुना

बीजापुर :- जिले के ग्राम पंचायत चेरपाल में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत रोजगार मूलक कार्यों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ठेकेदार व्यापारी तथा रिटायर्ड शिक्षक, नक्सली हिंसा में शहीद आरक्षक,वर्ग 1 शिक्षक रोजगार सहायक के नाम मस्टररोल में दर्ज कर मनरेगा योजना अधिनियम की धज्जियां उड़ाई गई है।
आपको बता दें कि अब तक केवल मृतक मजदूरों के नाम मस्टररोल में दर्ज कर मनरेगा योजना की राशि गबन के कुछ मामले उजागर हुए हैं लेकिन यहां पहला मामला उजागर हुआ है कि रोजगार सहायक स्वयं के नाम पर मनरेगा जाब कार्ड बनाकर मस्टररोल तैयार किया और अपने ही नाम पर मस्टरोल जारी कर लाखों रुपए गबन किया साथ ही पुलिस परिवार के नाम पर मस्टरोल जारी किया जो बीजापुर में निवास करते हैं। ऐसे ही एक पंकुराम जो आरक्षक नक्सली घटना में लगभग 4 वर्ष पूर्व शहीद हुए उनका भी नाम मस्टररोल में लगातार दर्ज कर मनरेगा योजना राशि का दुरुपयोग किया गया है,यही नहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा शिक्षकों, ठेकेदार, व्यापारी, रिटायर्ड शिक्षक को भी नहीं बख्शा। बीजापुर में निवास करने वाले रिटायर्ड शिक्षक को जब मस्टररोल आनलाइन दिखाया तो वे दंग रह गए उन्होंने देखा कि उनके साथ उनकी पत्नी के नाम मस्टररोल में दर्ज किया गया है।
इस संबंध में पंचायत सचिव और रोजगार सहायक से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन रोजगार सहायक और उसके बड़े भाई ने फोन पर अप्रत्यक्ष रूप से धमकी देते हुए कहा कि तुम को अच्छी तरह जानता हूं ये तुम्हारा गांव नहीं है जानते हो ना हमारे क्षेत्र में जनता की बैठकर पूरा फैसला लिया जाता है। चुपचाप आकर 2-4 लोगों से पूछताछ कर जानकारी लेकर झूठी खबर प्रकाशित करोगे ऐसा नहीं चलेगा। उसने आगे कहा कि तुम आओ पूरे गांव वालों के रहेंगे फिर हम जो बताएंगे उसे लिखकर ले जाना और समाचार पत्र में प्रकाशित करना।

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